ओ३म् सुरगा हूंते शिंभू आयो । कहौ कूणां के काजै ।।
नर निरहारी एकलवाई । परगट जोत बिराजै ।।
प्रहलादा सूं वाचा कीवी । आयो बारां काजै ।। बारां मैं सू एक घटै तो । सू चेलो गुरु लाजै ।।११८।।
ओ३म् सुरगा हूंते शिंभू आयो । कहौ कूणां के काजै ।।
नर निरहारी एकलवाई । परगट जोत बिराजै ।।
प्रहलादा सूं वाचा कीवी । आयो बारां काजै ।। बारां मैं सू एक घटै तो । सू चेलो गुरु लाजै ।।११८।।