बिश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल बिश्नोई | Bhajan Lal Bishnoi Biography

बिश्नोई रत्न चौधरी श्री भजनलाल पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा का जीवन परिचय (Biography of Choudhary Bhajan Lal Bishnoi):

तीन बार 1979,1982 और 1991 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे चौधरी भजनलाल बिश्नोई (Bhajan Lal Bishnoi), भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति और पर्यावरण संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं। भजनलाल बिश्नोई (Bhajan Lal Bishnoi) का जन्म 6 अक्टूबर 1930 को पंजाब के बहावलपुर (अब पाकिस्तान में) के कोरनवली कस्बे (गाँव) में विश्नोई परिवार में हुआ था। उन्हें 1987 में बिश्नोई रत्न (Bishnoi Ratan) की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

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Bhajan Lal Bishnoi with wife
चौधरी भजन लाल जी अपनी धर्मपत्नी के साथ

चौधरी भजनलाल बिश्नोई का राजनीतिक जीवन (Political life of Bhajanlal Bishnoi):

उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आदमपुर ग्राम पंचायत में एक पंच के रूप में की और बाद में सरपंच बने। उनकी मजबूत इच्छा और समर्पण के कारण, वह हरियाणा की राजनीति में दो दशक तक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने रहे।

भजनलालजी तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, पहली बार 28 जून 1979 से 5 जुलाई 1985 तक और दूसरी बार 23 जुलाई 1991 से 11 मई 1996 तक। 

चौधरी भजनलाल बिश्नोई हरियाणा से एक बार राज्यसभा सांसद (1986) एवं तीन बार लोकसभा सांसद (1989, 1998 एवं 2009) भी रहे है।

उन्होंने 1968 में बंसीलाल सरकार में शामिल होकर लंबे समय तक उनके संकटों को दूर किया। 1972 के विधानसभा चुनाव के बाद, उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री पद के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में चुना गया। हालांकि, 1975 में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया, लेकिन उनकी जोड़-तोड़ की कला ने उन्हें 1979 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद, 1980 में, उन्होंने पूरे जनता पार्टी विधायक दल का कांग्रेस आई में दलबदल करवा दिया।

उनका राजनीतिक यात्रा सिर्फ हरियाणा तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार में कई पदों पर योगदान दिया। राजीव गांधी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में, उन्होंने कृषि, वन और पर्यावरण मंत्रालय के कार्यों का प्रभार संभाला।
  1. चौधरी भजनलाल जी की राजनितिक सफरनामा सन् 1960 में आदमपुर ग्राम पंचायत के पंच एवं बाद में सरपंच से शुरू हुआ था।
  2. 1961 में हिसार के ब्लॉक-2 के लिए जिला परिषद् सदस्य चुने गये। 1965 में हिसार के ब्लॉक-2 के चेयरमैन बने तथा उसके बाद वे आदमपुर ग्राम पंचायत से हिसार मंडल के प्रधान बने।
  3. 1968 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौधरी भजनलालजी ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी आजाद प्रत्याशी कैप्टन बलराज सिंह को 10,044 मतों से पछाड़कर प्रथम विजयश्री प्राप्त की।
  4. 1970 से 1975 तक, उन्होंने हरियाणा मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री के तौर पर कार्य किया।
  5. 11 मार्च, 1972 को हरियाणा विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी भजनलाल जी ने 28,928 मत प्राप्त किए और चौधरी देवीलाल को 10,968 मतों से हराया। चौधरी देवीलाल को 17,960 मत मिले।
  6. 12 जून, 1977 को हरियाणा विधानसभा चुनाव में, जनता पार्टी के प्रत्याशी चौधरी भजनलाल जी ने 33,193 मत प्राप्त किए और 20,803 मतों से विजयी रहे।  तीसरी बार विधायक बने। स्वतंत्र प्रत्याशी श्री मोहर सिंह को 12,390 मत मिले।
  7. 1978-79 में सहकारिता, डेयरी विकास, पशुपालन, श्रम और रोजगार, तथा वन मंत्री बने।
  8. 28 जून, 1979 को उन्होंने पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला।
  9. 19 मई, 1982 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चौ. भजनलाल ने 42,227 मत प्राप्त कर लोकदल प्रत्याशी श्री नरसिंह बिश्नोई को 24,712 मतों से हराया। श्री नरसिंह बिश्नोई को 17,515 मत मिले।
  10. 23 मई, 1982 को उन्होंने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला और 5 जून, 1986 तक मुख्यमंत्री रहे।
  11. 2 अगस्त, 1986 को उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया, और 21 अक्टूबर, 1986 को केंद्रीय सरकार में पर्यावरण और वन मंत्री बनाया गया। 14 फरवरी, 1988 को उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया और उस पद पर 1 दिसम्बर, 1989 तक बने रहे।
  12. नवंबर, 1989 में उन्होंने फरीदाबाद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर लगभग 1,37,000 वोटों से जीत हासिल की और पहली बार लोकसभा में पहुंचे।
  13. 20 मई, 1991 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चौ. भजनलाल ने 48117 मत प्राप्त कर मास्टर हरिसिंह को 31596 मतों से हराया। इस चुनाव में मास्टर हरिसिंह को 16521 मत मिले।
  14. 24 जून, 1991 को तीसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 8 मई 1996 तक रहे।
  15. 28 अप्रैल, 1996 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौ. भजनलाल ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 54140 मत प्राप्त कर श्री सुरेन्द्र सिंह को 20007 मतों से हराया। इस चुनाव में हरियाणा विकास पार्टी (ह.वि.पा.) प्रत्याशी श्री सुरेन्द्र सिंह को 34133 मत प्राप्त हुए।
  16. 2 मार्च 1998 को करनाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य चुने गए। इस चुनाव में चौधरी भजनलाल ने 327,750 मत प्राप्त कर श्री आई.डी. स्वामी को 152,061 मतों से पराजित किया।
  17. 1999 के लोकसभा चुनाव में कारगिल युद्ध के कारण बीजेपी के पक्ष में लहर थी, उस समय चौधरी भजनलालजी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में करनाल विधान सभा क्षेत्र से मामूली वोटों से चुनाव हार गये।
  18. 22 फरवरी 2000 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी भजनलाल ने 63,174 मत प्राप्त कर प्रोफेसर गणेशी लाल को 46,057 मतों से पराजित किया। इस चुनाव में प्रोफेसर गणेशी लाल को केवल 17,117 मत मिले।
  19. 10 मार्च 2000 को हरियाणा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बने।
  20. 1 अगस्त 2002 को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
  21. फरवरी 2005 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी भजनलाल ने रिकॉर्ड जीत हासिल की। उन्होंने 86,963 मत प्राप्त कर इनेलो पार्टी के प्रत्याशी श्री राजेश गोदारा को 71,081 मतों से पराजित किया। इस चुनाव में श्री राजेश गोदारा को केवल 15,882 मत मिले।
  22. 2 दिसंबर 2007 को चौधरी भजनलाल के संरक्षण में हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) का गठन हुआ।
  23.  हरियाणा विधानसभा के आदमपुर में 2008 के उपचुनाव में उन्होंने 26,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
  24. मई 2009 के लोकसभा चुनाव में हिसार से सांसद बने।
  25. इसके अतिरिक्त, 17 जून 1987 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौधरी भजनलाल की धर्मपत्नी श्रीमती जसमां देवी ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 41,152 मत प्राप्त करके धर्मपाल सरसाना को 9,272 मतों से पराजित किया। इस चुनाव में श्री धर्मपाल सरसाना को 31,880 मत मिले।
  26. उनके बड़े बेटे चंद्रमोहन ने कालका विधानसभा से चार बार विधायक चुनकर उपमुख्यमंत्री के पद पर सेवा की, जबकि उनके छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई ने भी सांसद, विधायक रहते हुए राजनीतिक क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभाई है। बड़े बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता हैं। जबकि छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई भारतीय जनता पार्टी के दमदार नेता हैं।

बिश्नोईरत्न की उपाधि
बिश्नोई रत्न की उपाधि

बिश्नोई रत्न चौधरी भजनलाल जी का संक्षिप्त जीवन परिचय:

जन्म : 6 अक्तूबर, 1930
माता : श्रीमती कुंदना देवी
पिता : श्री खेराज मांझू
धर्मपत्नी : श्रीमती जसमां देवी
पुत्री : रोशनी देवी
पुत्र : चन्द्रमोहन , कुलदीप
जन्म स्थान : कोड़ांवाली, तत्कालीन बहावलपुर रियासत ( वर्तमान पाकिस्तान )
शिक्षा : इण्टरमीडिएट
ग्राम पंच : 1960 ई
आदमपुर से विधायक : 1968 , 1972 , 1977 1982 , 1991 , 1996 , 2000 , 2005 , 2008
हरियाणा के कृषि मंत्री : 1970-1975
हरियाणा के सहकारिता मंत्री : 1978
प्रथम बार मुख्यमंत्री : 28 जून, 1979
दूसरी बार मुख्यमंत्री : 23 मई, 1982
'बिश्नोईरत्न' की उपाधि से अलंकृत : 10 मार्च , 1986
राज्यसभा सदस्य : 2 अगस्त, 1986
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री : 21 अक्तूबर , 1986
केन्द्रीय कृषि मंत्री : 14 फरवरी, 1988
फरीदाबाद से सांसद : नवम्बर, 1989
तीसरी बार मुख्यमंत्री : 23 जून, 1991
करनाल से सांसद : 2 मार्च, 1998
नेता प्रतिपक्ष : 10 मार्च, 2000
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष : 1 अगस्त , 2002
हजकां ( बी.एल. ) की स्थापना : 2 दिसम्बर, 2007
हिसार से सांसद : मई, 2009
निधन : 3 जून, 2011

उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री चन्द्रमोहन कालका विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक के साथ-साथ हरियाणा के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उनके छोटे पुत्र श्री कुलदीप बिश्नोई ने 1998 के उपचुनाव में आदमपुर से और 2004 के लोकसभा चुनाव में भिवानी संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। और आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं। उनकी पुत्र वधु रेणुका बिश्नोई हांसी विधानसभा से दो बार विधायक निर्वाचित हो चुकी है। उनका पोत्र भव्य बिश्नोई हरियाणा विधानसभा के लिए आदमपुर से विधायक है। और सबसे कम उम्र के विधायक बनने का रिकार्ड उनके नाम है। जिनकी हाल ही में विश्नोई समाज की प्रतिभावान आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई के साथ शादी हुई है। 

पर्यावरण रक्षक चौधरी भजनलाल जी (Environment protector Bhajanlal Bishnoi):

मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और अन्य पदों पर रहते हुए, चौ. भजनलाल ने जीवरक्षा और वृक्ष रक्षा के कई शासनादेश पारित करवाए। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण निम्नलिखित हैं:

खेजड़ली शहीदों की याद में पौधा रोपण करते हुए चौधरी भजन लाल जी के साथ में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व अध्यक्ष श्री राम सिंह जी विश्नोई

  • चौ. भजनलाल जी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में पर्यावरण अदालतों का गठन करके वन एवं वन्यजीवों की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई की।
  • 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने चौ. भजनलाल जी के पर्यावरण प्रेम को देखते हुए उन्हें पर्यावरण मंत्री बनाया और उनके सुझाव पर मंत्रालय का नाम वन एवं पर्यावरण मंत्रालय रखा गया।
  • 15 अक्टूबर 1971 को, जब वे कृषि मंत्री थे, उन्होंने एक शासनादेश जारी किया, जिसमें वन्य जीवों और पशु-पक्षियों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया और अवहेलना करने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया।
  • उन्होंने 27 अगस्त 1975 को पंजाब सरकार के साथ समझौते के तहत अबोहर क्षेत्र के बिश्नोइयों के लिए एक शासनादेश जारी किया, जिसमें वन्य जीवों के लिए बिश्नोई बाहुल्य क्षेत्रों को "Wild Life Sanctuary" घोषित किया गया और अवहेलना करने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया।
  • 28 जून 1979 को, जब वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने, उन्होंने वन विभाग को पौधारोपण के लिए वृहद् कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा, जिसमें गांवों में किसानों को मुफ्त पेड़ बांटे गए और पुरस्कृत किया गया।
  • उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम "Forest Conservation Act - 1980" का संशोधन कर वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कड़े नियम लागू करवाए। जिसमें किसी भी विकास परियोजना के क्रियान्वयन से पूर्व पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति आवश्यक कर दी गई। अगर किसी कारणवश पेड़ों को काटना जरूरी समझा गया तो मंत्रालय को मुआवजा राशि के साथ - साथ उतनी ही जमीन पर बदले में और पेड़ लगाना सुनिश्चित किया गया।
  • उन्होंने गंगा सफाई अभियान की शुरुआत करवाई (सन् 1984 में) और यमुना सफाई अभियान के तहत 'यमुना एक्शन प्लान' की योजना शुरू करवाई।
  • उन्होंने पर्यावरण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण संस्थान को सात प्रमुख शहरों में मंजूर करवाया और खेजड़ी वृक्ष को राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित करवाया।
  • उन्होंने जम्बेश्वर विश्वविद्यालय में 'पर्यावरण विज्ञान' का अलग विभाग स्थापित करवाया और वन एवं वन्य जीवों की रक्षा के प्रति अपना समर्पण प्रकट किया।
  • चौ. भजनलाल जी ने जीवों के रक्षार्थ बलिदान देने वालों को राष्ट्रीय शहीदों के सम्मान में शौर्य चक्र, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये की सहायता की घोषणा करवाई। इसके फलस्वरूप वन्य जीव रक्षार्थ स्व. निहालचन्द धारनियां, स्व. श्री गंगाराम ईशरवाल, और छेलू सिंह राजपूत को राष्ट्रपति द्वारा शौर्यचक्र से सम्मानित किया गया।
  • उन्होंने खेजड़ली शहीदी स्थल को राष्ट्रीय निधि और स्मारक बनाने की घोषणा की और खेजड़ी वृक्ष पर डाक टिकट जारी करवाया।
  • उन्होंने अपनी अंत्येष्ठी स्थल पर पौधारोपण की परंपरा को बढ़ावा दिया।
  • सन् 1979 में सउदी अरब के शहजादे एवं सलमान खान के शिकार के प्रकरण में, चौ. भजनलाल ने समाज कर साथ दिया और शिकारियों का उत्साह कम होने में मदद की।

चौधरी भजनलाल बिश्नोई भारतीय राजनीति के एक महान नेता थे जिन्होंने अपने जीवनकाल में देश के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए। वे हमेशा अपनी दूरदर्शिता, कुशल नेतृत्व और विकास के प्रति समर्पण के लिए याद किए जाएंगे।

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